नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में मैं आपको यह बताने जा रहा हूँ की AI क्या है (Artificial Intelligence). जैसा की आप लोग यह जानते है की आने वाले कुछ सालो में Machine एक ऐसी जरुरत बन जाएगी जो की इंसानों के लिए लाभ दायक हो सकती है और माना जाता है की खतरनाक साबित भी हो सकती है। artificial intelligence इंसानों के लिए लाभ दायक क्यूँ होगी और कैसे होगी? artificial intelligence इंसानों के लिए खतरनाक साबित क्यूँ होगी और कैसे होगी?

Table of Contents
Artificial Intelligence [AI] क्या है?
AI को हिंदी में कृत्रिम बुद्धि कहते है।
आर्टिफीसियल इन्टेलिजेंस आज के दौर में बहुत जरुरी यंत्र बन चूका है। इसका हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा उपयोग पड़ता है और हमें मालूम ही नहीं होता है की यह आर्टिफीसियल इन्टेलिजेंस है। जैसा की आप सभी अपने हाथों में या फिर आपके सामने यंत्र का इस्तेमाल हो रहा है उसमें कई तरीके की आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस है।
यह कुछ जरुरी AI है जो की आप के Device में होते ही है जैसे की।
#1 आपका मोबाइल का lock जब आप अपना बायोमेट्रिक का इस्तेमाल करते है।
#2 Maps और Navigation
#3 स्मार्ट कार्स जो की बिना किसी इंसानी मदद के चल सकती है।
#4 WhatsApp पर बात करते वक्त Autocorrect का इस्तेमाल करना।
#5 कुछ गाड़ियों में आपके बॉयोमेट्रिक्स का इस्तेमाल होता है।
#6 और आपका Smartphone और भी बहुत से ऐसे यंत्र है जो आपके जीवन काल में इस्तेमाल होते रहते है और आप को मालूम भी नहीं होता है।
Artificial Intelligence [AI] के नुक्सान क्या है?
आज के इस दौर में बहुत से फ्रॉड और स्पैम होते रहते है जो की AI के वजह से ही मुमकिन हुआ है जैसे की यदि आप अपने मोबाइल में बायोमेट्रिक का इस्तेमाल करते है तो उन डिटेल के जरिये HACKERS इसका इस्तेमाल करते है और बैंक से पैसे उठ जाते है और भी तरीके से यह आप के लिए हानिकारक है। जैसे की –
#1 यदि आप स्मार्ट कार्स की ही बात करे तो उनमें एक्सीडेंट के जादा Chances होते है।
#2 मैप्स और नेविगेशन में बहुत बार ऐसा होता है की आप को जहाँ जाना होता है Google MAP आपको गलत जगह लेकर आजाता है।
How many types Of Artificial Intelligence [AI] are? Artificial Intelligence कितने प्रकार के होते है?
विभिन्न प्रकार की एकृत बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence or AI) सिस्टमों को श्रेणीबद्ध करने के लिए कई तरीके हैं, लेकिन एक सामान्य दृष्टिकोण से AI को तीन मुख्य प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

- आर्टिफिशियल नैरो इंटेलिजेंस [Artificial Narrow Intelligence (ANI) or Weak AI]
- आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस [Artificial General Intelligence (AGI) or Strong AI]
- कृत्रिम अधीक्षण [Artificial Superintelligence (ASI)]
Artificial Narrow Intelligence (ANI) or Weak AI
Artificial Narrow Intelligence (ANI) एक ऐसी Artificial Intelligence तकनीक है जो केवल एक ही विशेष क्षेत्र में काम कर सकती है। इसका उदाहरण हैं आजकल उपलब्ध हैं।
जैसे कि आपके मोबाइल फोन के सिर्फ वॉयस रिकग्निशन से संबंधित सुविधाएं होती हैं या ऑनलाइन विपणन के लिए केवल एक उत्पाद के लिए जानकारी संग्रह करने वाला सॉफ्टवेयर। इन सभी उदाहरणों में, ANI तकनीक केवल एक ही विशेष क्षेत्र में काम करती है और अन्य क्षेत्रों में काम नहीं कर सकती है।
अन्य उदाहरणों में, ट्रेडिंग बॉट्स जो स्वचालित रूप से शेयर खरीद-बिक्री करते हैं वह भी ANI के एक उदाहरण हैं। इसके अलावा, कुछ अन्य उदाहरण शामिल हैं वैद्युत वितरण के लिए स्वचालित मीटरिंग, वाणिज्यिक हवाई उड़ानों के लिए स्वचालित नेविगेशन सिस्टम, और बैंकिंग सेवाओं के लिए व्यक्तिगत सलाह उपलब्ध कराने वाला सॉफ्टवेयर शामिल होते हैं।
Artificial General Intelligence (AGI) or Strong AI
Artificial General Intelligence (AGI) एक ऐसी Artificial Intelligence तकनीक है जो सभी प्रकार के कामों को करने में सक्षम होती है। इसका उदाहरण हो सकता है जैसे एक मशीन जो मानव जैसे सोचती हो, समस्याओं को हल करती हो और स्वतंत्र रूप से सीख सकती हो।
एक उदाहरण के रूप में, एक एयरोस्पेस कंपनी एक AGI उत्पाद विकसित कर रही है जो स्वचालित रूप से हवाई उड़ानों के नेविगेशन के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह सिस्टम मौसम और ट्रैफिक को ध्यान में रखता है और नए स्थानों का पता लगाते हुए हवाई यात्रियों को सही रास्ता दिखाता है।
एक और उदाहरण हैं, स्वचालित वाहनों की टेस्टिंग जहां AGI को उपयोग किया जा सकता है ताकि ये स्वचालित रूप से ट्रैफिक, समीक्षा और टेस्टिंग प्रक्रियाओं को समझ सकें और संभवतः बदलती स्थितियों के लिए अपने आप को अद्यतन कर सकें।
Artificial Superintelligence (ASI)
ASI या Artificial Superintelligence उस स्तर की तकनीक होती है जो मानव बुद्धि से भी अधिक बुद्धिमत्ता वाली होती है। इस तकनीक का विकास आज के समय में अभी तक संभव नहीं है लेकिन इसके लिए कुछ उपकरणों जैसे सुपरकंप्यूटर और अन्य उन्नत तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाता है।
ASI एक उदाहरण है AlphaGo, एक AI प्रणाली जो गो खेल के लिए बनाई गई थी। AlphaGo ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली खिलाड़ियों में से एक को हराया जिसने अभी तक गो खेल में विश्व चैंपियनशिप जीता था। इसे DeepMind नामक कंपनी द्वारा विकसित किया गया था जो Google की सहायता से काम करती है। AlphaGo एक AI होने के साथ-साथ AGI तकनीक के बीच की एक मध्यवर्ती रूप में भी माना जाता है।
ASI का विकास मानव इतिहास के लिए एक बड़ी परिवर्तन लाने की संभावना लेकर किया जाता है। इस तकनीक से संभवतः संपूर्ण मानव इतिहास और समस्त विज्ञान को एक नया अध्याय दिया जा सकता है।
(AI) Artificial Intelligence
Artificial Intelligence इन प्रकारों के भी होते है जो की सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है जैसे की :-

- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence)
- मशीन लर्निंग (Machine Learning)
- न्यूरल नेटवर्क (Neural Network)
- गहन शिक्षण (Deep Learning)
- आर्टिफिशियल नैरोन (Artificial Neuron)
- स्वयं संगठित मानव (Self-Organizing Humanoid)
- नारो-फ़िडबैक (Neuro-Feedback)
- वाणिज्यिक बुद्धिमत्ता (Commercial Intelligence)
- बिग डेटा (Big Data)
- स्वयं चलने वाली गाड़ियों (Self-Driving Cars)
- आँखों से इनपुट (Eye Input)
- अंगुलियों से इनपुट (Finger Input)
- उपयोगकर्ता अनुभव (User Experience)
- अभिव्यक्ति अभिविन्यास (Expression Recognition)
- निरंतर शोध (Continuous Learning)
- स्वयं संभावना (Self-Possibility)
- आर्टिफिशियल सुपरइंटेलिजेंस (Artificial Superintelligence)
- संगणक बोलता है (Computer Speech)
- आत्मबोध (Self-Awareness)
Machine Learning
Machine Learning (मशीन लर्निंग) एक Artificial Intelligence (AI) तकनीक है जिसका उपयोग डेटा से सीखने और उसमें से पैटर्नों का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह ऐसे एल्गोरिदम और सिस्टम का उपयोग करता है, जो आवेदक के लिए तैयार किए गए विशिष्ट टास्क को स्वतः से सीखते हैं और उन्हें बिना सीधे प्रोग्रामिंग के करने में सक्षम होते हैं।
इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है जैसे वित्तीय समान्यता, स्वास्थ्य सेवाएं, संचार, विपणन और उद्योग आदि। इसके द्वारा डेटा को विश्लेषण करके आवेदक ने पैटर्न या उपयोगी जानकारी प्राप्त करने के लिए उनके डेटा में छिपी जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।
Neural Network
Neural Network (न्यूरल नेटवर्क) एक Artificial Intelligence (AI) तकनीक है जो जीवंत न्यूरॉन्स (जो वास्तविक मानवीय न्यूरॉन्स की तरह काम करते हैं) की एक समूह से बना होता है। यह नेटवर्क डेटा से सीखता है और उसमें से पैटर्नों का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह एक संगठित तरीके से काम करता है जो डेटा से सीखने और विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए एक संगठित तरीके से विशिष्ट कार्यों को पूरा करने की क्षमता विकसित करता है।
इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है जैसे वित्तीय समान्यता, स्वास्थ्य सेवाएं, संचार, विपणन और उद्योग आदि। इसके द्वारा डेटा को विश्लेषण करके आवेदक ने पैटर्न या उपयोगी जानकारी प्राप्त करने के लिए उनके डेटा में छिपी जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।
Deep Learning
Deep Learning (डीप लर्निंग) एक उच्च-स्तरीय मशीन लर्निंग तकनीक है जो Artificial Intelligence (AI) में उपयोग किया जाता है। यह न्यूरल नेटवर्क पर आधारित होता है जो अलग-अलग स्तरों के लिए जानकारी को अधिक अभिन्न और अधिक समीकरणीय बनाता है।
इसके अलग-अलग स्तरों को एक समूह के रूप में समन्वयित किया जाता है जो एक संगठित तरीके से डेटा को समझने में मदद करता है। डीप लर्निंग का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जैसे स्वास्थ्य सेवाएं, फिनांस, विपणन, संचार और विनिर्माण आदि।
एक उदाहरण के रूप में, डीप लर्निंग का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में किया जा सकता है, जहां एक न्यूरल नेटवर्क अधिक गहन रूप से डेटा को विश्लेषण करके रोग के लक्षणों का पता लगा सकता है। इस तकनीक का उपयोग आजकल उत्तराधिकारी विषयों के विश्लेषण, वाणिज्यिक विषयों में सुधार के लिए और स्वचालित डेटा प्रसंस्करण के लिए भी किया जाता है।
Artificial Neuron
Artificial Neuron (कृत्रिम न्यूरॉन) एक कंप्यूटरीय मॉडल है जो ब्रेन के न्यूरॉनों से प्रेरित होता है। यह एक ऐसी निर्देशिका होती है जो कंप्यूटरीय नेटवर्क में तथ्यात्मक कार्यों को प्रोसेस करने में मदद करती है।
एक कृत्रिम न्यूरॉन में, एक अंकगणितीय प्रक्रिया के माध्यम से दायरिका तथा गैर-दायरिक निर्देशों से प्रेरित होता है। इसके लिए यह एक या उससे अधिक इनपुट संदेश अपनी एंट्री द्वारा स्वीकार करता है, उन्हें तंत्रित करता है और फिर एक आउटपुट निकालता है। आमतौर पर एक कृत्रिम न्यूरॉन को एक या उससे अधिक लेयरों में गठित किया जाता है जो कंप्यूटरीय नेटवर्क के रूप में जाना जाता है।
Self-Organizing Humanoid
Self-Organizing Humanoid (आत्म-संरचित मानव आकार) एक प्रकार का एंड्रॉइड रोबोट है जो आधुनिक रोबोटिक्स तकनीक का उपयोग करता हुआ अपने आप में विकसित होता है। इन रोबोटों के अलग-अलग सेंसर होते हैं जो उन्हें अपने आसपास की जानकारी देते हैं जिससे वे अपने आप को संचालित कर सकते हैं। इन रोबोटों में कई एल्गोरिथ्म होते हैं जो उन्हें अपने आप को संचालित करने की अनुमति देते हैं।
आत्म-संरचित मानव आकार के रोबोट आमतौर पर एक संज्ञानात्मक नेटवर्क (sensory network) का उपयोग करते हुए अपने आप को अपने आसपास की जानकारी से लागू करते हैं। ये रोबोट स्वतः बदलते हैं और अपने संचार और संचालन सिस्टम को अद्यतन करते हुए अपने विरोधाभासी तंत्रों को तय करने के लिए अलग-अलग एल्गोरिथ्म का उपयोग करते हैं।
Neuro-Feedback
Neuro-Feedback (न्यूरो-फीडबैक) एक प्रकार की बायोमेडिकल तकनीक है जिसका उपयोग अधिकतर मस्तिष्क गतिविधियों के नियंत्रण में किया जाता है। यह एक अलग-अलग तरह के सेंसर का उपयोग करता है जो व्यक्ति के शरीर के विभिन्न अंगों में स्थापित किए जाते हैं। इन सेंसर्स द्वारा शरीर की विभिन्न गतिविधियों जैसे श्वसन, हृदय दर, और विभिन्न मस्तिष्क गतिविधियों के नियंत्रण के लिए निर्दिष्ट किए जाते हैं।
यह तकनीक बहुत साधारण है, जहाँ शरीर के विभिन्न अंगों में लगे सेंसर से प्राप्त डेटा कंप्यूटर पर भेजा जाता है। फिर उस डेटा को विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से विश्लेषित किया जाता है ताकि उस व्यक्ति की मस्तिष्क गतिविधि के बारे में अधिक जानकारी हो सके। जब यह जानकारी उपलब्ध होती है, तो शरीर के अंगों के सेंसर के माध्यम से उस व्यक्ति के मस्तिष्क गतिविधि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
Commercial Intelligence
“Commercial Intelligence” एक व्यापारिक रूप से उपयोग किया जाने वाला शब्द है जो उद्योग विश्लेषण, मार्केटिंग, बिक्री, वित्त और अन्य व्यापारिक क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
इसका मुख्य उद्देश्य व्यापारिक निर्णय लेने में सहायता करना होता है। इसमें व्यवसायी तथ्य और विश्लेषण के लिए समूहित किए गए डेटा से संबंधित जानकारियों का उपयोग कर विश्लेषण किया जाता है।
इसके लिए विभिन्न विश्लेषण टूल, डेटा माइनिंग, बिजनेस इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर और अन्य तकनीकों का उपयोग किया जाता है। इससे बिजनेस विश्लेषण, संग्रहित डेटा का उपयोग, रिपोर्टिंग, बिजनेस निर्णय और विकास के लिए समयगत जानकारी उपलब्ध होती है।
Big Data
Big Data एक बहुत बड़ी मात्रा में डेटा होता है जो विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न होता है जैसे सेंसर्स, डेटाबेस, सोशल मीडिया, वेब साइट्स, विभिन्न आवेदन और अन्य स्रोत। यह डेटा इतना बड़ा होता है कि इसे एक ही सिस्टम में रखा नहीं जा सकता है और इसे उपलब्ध डेटा संसाधनों का उपयोग करके प्रोसेस करना चाहिए।
Big Data को कई आयामों पर मापा जाता है। ये आयाम वास्तविक और अवास्तविक डेटा की मात्रा, विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न होने वाले डेटा के रूप, डेटा एनालिटिक्स और इसका उपयोग करने के लिए उपलब्ध संसाधनों के साथ डेटा का विस्तार और अन्य हैं।
Self-Driving Cars
सेल्फ-ड्राइविंग कारें एक उदाहरण हैं जिनमें Artificial Intelligence (AI) और रोबोटिक्स तकनीक का उपयोग किया जाता है जो ड्राइवर की आवश्यकता को कम करते हुए वाहनों को स्वचालित रूप से चलाने में सक्षम होते हैं। इन कारों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS), सेंसर्स, कैमरे, लेजर विभिन्न विवरणों का उपयोग किया जाता है।
सेल्फ-ड्राइविंग कारें सड़क का नक्शा देखती हैं, यात्री तथा अन्य वाहनों को पहचानते हैं, संचार के माध्यम से सूचनाएं स्वीकार करती हैं और स्वत: संचालित रूप से ब्रेक, एक्सेलरेशन और स्टीयरिंग को नियंत्रित करती हैं। इन कारों में ड्राइवर की आवश्यकता नहीं होती है और उन्हें यात्री द्वारा दिए गए स्थान तक स्वतः पहुंचाया जाता है।
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Eye Input
“Eye Input” एक तकनीकी शब्द है जो ऑप्टिकल चरणों का उपयोग करके डिवाइस को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस तकनीक का उपयोग मुख्य रूप से मानव-कंप्यूटर इंटरफ़ेस (HCI) में किया जाता है, जिसमें यूजर को उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस के माध्यम से उस डिवाइस को नियंत्रित करने की अनुमति मिलती है।
आँखों के इनपुट डिवाइस के लिए उपयोग किए जाने वाले एक सामान्य उपकरण “आँख की ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी” है, जो आंख के आभासीय पथ के साथ बात करता है ताकि उसे नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा, एक और तकनीक “आंखों की खासियतों” का उपयोग करती है जो उपयोगकर्ता के नेत्रों में मौजूद विभिन्न संकेतों को जानती है और उसे उन संकेतों के आधार पर डिवाइस को नियंत्रित करने की अनुमति देती है।
Finger Input
“Finger Input” एक तकनीकी शब्द है जो मानव-कंप्यूटर इंटरफ़ेस (HCI) में उपयोग किया जाता है। इस तकनीक के माध्यम से यूजर्स अपने उंगलियों का उपयोग करते हुए कंप्यूटर या अन्य डिवाइस को नियंत्रित कर सकते हैं।
आधुनिक स्मार्टफ़ोन और टैबलेट में, फिंगर इनपुट एक उपयोगी तकनीक है जो उपयोगकर्ता को अपने आँगुलियों का उपयोग करके अपने फोन को नियंत्रित करने की अनुमति देती है। यह एक साधारण तकनीक है जो अन्य HCI तकनीकों के साथ संयुक्त रूप से उपयोग की जा सकती है, जैसे कि टचस्क्रीन या माउस।
इस तकनीक का उपयोग भविष्य में विस्तृत रूप से हो सकता है जब हम अधिक समान्तर मानव-कंप्यूटर इंटरफ़ेस के साथ अपने उंगलियों को नियंत्रित कर सकेंगे, जो भविष्य की तकनीकों की एक बड़ी पूंजी होगी।
User Experience
“User Experience” एक तकनीकी शब्द है जो Artificial Intelligence (AI) मानव-कंप्यूटर इंटरफ़ेस (HCI) के बारे में होता है। इसे उपयोगकर्ता अनुभव या उपयोगकर्ता अनुभव के रूप में भी जाना जाता है। यह शब्द उस अनुभव को वर्णित करता है जो उपयोगकर्ता को किसी विशिष्ट उत्पाद या सेवा का उपयोग करने के दौरान होता है।
उपयोगकर्ता अनुभव का एक अच्छा उदाहरण एक वेबसाइट का हो सकता है। एक अच्छा उपयोगकर्ता अनुभव उपयोगकर्ता को आसानी से उपयोग करने देता है और उन्हें जो वे चाहते हैं वह भी आसानी से प्राप्त होता है। एक बुरा उपयोगकर्ता अनुभव उपयोगकर्ताओं को उत्पाद का उपयोग करना मुश्किल बना देता है और वे उत्पाद से असंतुष्ट हो जाते हैं।
उपयोगकर्ता अनुभव निर्माण एवं उन्नयन की तकनीक है जो उत्पाद विकसित करने वालों द्वारा उपयोग किया जाता है।
Expression Recognition
Expression recognition (अभिव्यक्ति पहचान) एक तकनीक है जिसका उपयोग मानव अभिव्यक्ति की भावनाओं और व्यक्तिगत विवरणों को समझने के लिए किया जाता है। इस तकनीक का उपयोग आमतौर पर भावनात्मक विज्ञान, मनोवैज्ञानिक अध्ययन और मानव-मशीन संचालन में किया जाता है।
Expression recognition आमतौर पर कंप्यूटर विज्ञान और यांत्रिकी शाखा के अंतर्गत आता है। इस तकनीक का उपयोग उपयोगकर्ता अनुभव को अधिक सुखद बनाने और सुरक्षित बनाने के लिए किया जाता है। आधुनिक मोबाइल फोनों, लैपटॉप और टैबलेट आदि में expression recognition तकनीक का उपयोग किया जाता है, जो उपयोगकर्ताओं को उनके व्यक्तिगत विवरणों को संभालने में मदद करता है।
Continuous Learning
Continuous learning (निरंतर अधिगम) एक ऐसी Artificial Intelligence (AI) है जो कंप्यूटर या मशीन लर्निंग आलेखों का उपयोग करके एक अल्प विवरण के साथ संबंधित नई जानकारी को सीख सकती है। यह मशीन लर्निंग के अंतर्गत आता है जो मशीनों को उनकी त्रुटियों से सीखने देता है और उन्हें नए और अधिक सुविधाजनक तरीकों से काम करने के लिए प्रेरित करता है।
Continuous learning का उपयोग आमतौर पर उत्पादन विभागों, बैंकिंग और वित्तीय संस्थाओं, सेवा उद्योगों और विश्वसनीयता की आवश्यकताओं जैसे कि साइबर सुरक्षा आदि में किया जाता है। इस तकनीक का उपयोग करने से लाभ होता है क्योंकि यह मशीनों को नए दुश्मनों और तकनीकों के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है और उन्हें नए तकनीकी संबंधित समस्याओं का सामना करने की क्षमता देता है।
Self-Possibility
“Self-Possibility” एक अभिगम की तकनीक है जिसका उपयोग आपकी प्रवृत्ति, स्वभाव और चाहत के आधार पर स्वतंत्र रूप से फैसला लेने में किया जाता है। इस तकनीक का उपयोग करने से, एक व्यक्ति स्वयं को अधिक स्पष्ट और अधिक समझदार बनाने में सक्षम होता है। इस तकनीक के उपयोग से लोग अपनी भावनाओं, अंदरूनी शक्तियों और संदेहों के साथ संबद्ध अपनी सीमाओं को पहचान सकते हैं और इसे पार करने के लिए संभव विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं।
“Self-Possibility” तकनीक का उपयोग आमतौर पर स्व-विकास और जीवन के उत्तरदायित्व के संबंध में किया जाता है। इस तकनीक के उपयोग से व्यक्ति अपने लक्ष्यों के प्रति अधिक सक्षम होता है और उसे अपनी सीमाओं से पार करने के लिए संभव विकल्पों की तलाश करने में मदद मिलती है। इस तकनीक के उपयोग से व्यक्ति अपने स्व-विकास के साथ साथ अपने सामाजिक और आर्थिक जीवन में भी सफलता प्राप्त करने में सक्षम होता है।
Artificial Superintelligence
Artificial Superintelligence (ASI) एक Artificial Intelligence (AI) अवकल्पनीय भविष्य की बात है, जब एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम में मानव बुद्धि से हर कोग्निटिव कार्य में आगे बढ़ सकता है। इसे AI का अंतिम लक्ष्य माना जाता है।
Computer Speech
Computer Speech, एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक है जो कंप्यूटर को बोले हुए शब्दों को समझने और उन्हें उच्चारित करने में मदद करती है। इसका उपयोग आजकल वॉइस रिकग्निशन, वॉइस बायोमेट्रिक्स और अन्य कंप्यूटर आधारित व्यवस्थाओं में किया जाता है। इसमें संगठित और असंगठित वाक्यों को समझने और उन्हें उच्चारित करने के लिए विभिन्न आलेख्य तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
Self-Awareness
सेल्फ-अवेयरनेस का अर्थ होता है एक स्वयं जागरूकता स्तर जिसे मानव चेतना के समान जाना जाता है। इस तरह के सिस्टम में सेल्फ-अवेयरनेस के साथ-साथ डेटा को प्रोसेस और विश्लेषण करने की क्षमता होती है और सिस्टम को अपने आप को भी समझने की क्षमता होती है, जिससे मानव विवेक के समान कुछ निर्णय लेने में सक्षम होती है।
आशा करता हूँ की आप इस आर्टिकल के जरिये कुछ ऐसा जान पाए होंगे जो की आपको नहीं मालूम होगा और भी बहुत ही जादा इनफार्मेशन के लिए आप मेरे पिछले इन आर्टिकल में से भी पढ़ सकते है। यदि आप को कुछ न समझ आया हो या फिर आपको मेरा आर्टिकल कैसा लगा आप मेरे लिए एक कमेंट अवश्य छोड़ दीजिये गा।
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